सप्तश्लोकी दुर्गा

अथ सप्तश्लोकी दुर्गा शिव उवाच- देवि त्वं भक्तसुलभे सर्वकार्यविधायिनी। कलौ कि कार्यसिद्धयर्थमुपायं ब्रूहियत्नतः । देव्युवाच- शृणु देव प्रवक्ष्यामि कलौ सर्वेष्टसाधनम्। मया तवैव स्रेहेनाप्यम्वास्तुतिः प्रकाश्यते ।। ॐ अस्य श्रीदुर्गासप्तश्लोकीस्तोत्रमन्त्रस्यनारायण ऋषिः, अनुष्टुप्…

ज्योतिषाचार्या सुदेश शर्मा कुरुक्षेत्र हरियाणा

Astrologer Profile Jyotish Siromani Jyotish Acharya Sudesh Sharma Vedic, tarot cards, numerology, prashana, vastu, face reading, matchmaking, palmistry About Me I am Astrologer Sudesh Sharma from kurukshetra Haryana. I am…

श्री भगवती स्तोत्रम्

श्री भगवती स्तोत्रम् श्रीभगवतीस्तोत्रम् जय भगवति देवि नमो वरदे, जय पापविनाशिनि बहुफलदे। जय शुम्भनिशुम्भकपालघरे, प्रणमामि तु देवि नरातिहरे । ॥ १ ॥ जय चन्द्रदिवाकरनेत्रधरे, जय पावक भूषितवक्त्रवरे । जय भैरवदेहनिलीनपरे,…

आनन्दलहरी

आनन्दलहरी भवानि स्तोतुं त्वां प्रभवति चतुर्भिर्न वदनैः प्रजानामीशानस्त्रिपुरमचनः पञ्चभिरपि। न षड्भिः सेनानीर्दशशतमुखैरप्यहिपति- स्तदान्येषां केषां कथय कथमस्मिन्नवसरः ।।१।। घृतक्षीरद्राक्षामघुमधुरिमा कैरपि पदै- विंशिष्यानाख्येयो भवति रसनामात्रविषयः । तथा ते सौन्दर्य परमशिवद्ङ्मात्रविषयः कथङ्कारं ब्रूमः…

भवान्यष्टकम्

भवान्यष्टकम् न तातो न माता न बन्धुनं दाता न पुत्रो न पुत्री न भूत्यो न भर्ता । न जाया न विद्यान वृत्तिर्ममैव गतिस्त्वं गतिस्त्वं त्वमेका भवानि ॥१॥ भवाब्धावपारे महादुःखभीरुः पपात…

नमामीशमीशान निर्वाणरूपं, 

श्री शिव विनती नमामीशमीशान निर्वाणरूपं, विभुं व्यापकं ब्रह्म वेद स्वरूपं निजं निर्गुण निर्विकल्पं निरीह, चिदाकाशमाकाशवासंभजेऽहं ।। निराकारमोंकारमूलं तुरीयं, गिरा ग्यान गोतीतमीशं गिरीश करालं महाकाल कालं कृपालं, गुणागार संसार पारं नतोऽहं…

सूर्य देव का सबसे प्रिय सूर्य देव के 21 नाम वाला श्रीसूर्यस्तवराज 

श्रीसूर्यस्तवराजःसूर्य देव का सबसे प्रिय सूर्य देव के 21 नाम वाला श्रीसूर्यस्तवराज का प्रतिदिन पाठ करने से होती है सभी प्रकार की मनोकामनाएं पूर्ण और सूर्य देव की कृपा प्राप्त…

भगवान शिव की आरती

भगवान शिव की आरती ॐ जय शिव ओंकारा, भज जय शिव ओंकारा। ब्रह्मा विष्णु सदाशिव अर्धागी धारा।। एकानन चतुरानन पंचानन राजै । हंसासन गरुड़ासन वृषवाहन साजै ।। दो भुज चार…

श्रीशिवपञ्चाक्षरस्तोत्रम्

श्रीशिवपञ्चाक्षरस्तोत्रम् नागेन्द्रहाराय त्रिलोचनाय भस्माङ्गरागाय महेश्वराय । नित्याय शुद्धाय दिगम्बराय तस्मै ‘न’ काराय नमः शिवाय ।।१।। मन्दाकिनीसलिलचन्दनचर्चिताय नन्दीश्वरप्रथमनाथ महेश्वराय । मन्दारपुष्पबहुपुष्पसुपूजिताय तस्मै ‘म’ काराय नमः शिवाय ।।२।। शिवाय गौरीवदनाब्जवृन्द सूर्याय दक्षाध्वरनाशकाय…

शिव चालीसा

अथशिव चालीसा जय गिरिजा पति दीन दयाला, सदा करत सन्तन प्रतिपाला। भाल चन्द्रमा सोहत नीके, कानन कुण्डल नागफनी के। अंग गौर शिर गंग बहाये, मुण्डमाल तन छार लगाये। वस्त्र खाल…